देश के प्रकृति परीक्षण अभियान के प्रथम चरण का हुआ समापन-Newsnetra
आयुष मंत्रालय, भारत सरकार तथा भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली द्वारा संचालित “देश का प्रकृति परीक्षण अभियान”, जो कि पूरे देश में दिनांक 26.11.2024 से 25.12.2029 तक संचालित किया गया, के उत्तराखण्ड राज्य में संचालन हेतु भारतीय चिकित्सा परिषद, उत्तराखण्ड को नोडल एजेंसी बनाया गया था। नोडल एजेंसी के सहयोग हेतु डॉ० जे०एन० नौटियाल, डॉ० डी०के० श्रीवास्तव व डॉ० अनिल थपलियाल को राज्य समन्वयक तथा डॉ० सनन्दन थपलियाल को राज्य सह-समन्वयक बनाया गया था। इसके अतिरिक्त प्रत्येक जिले में जिला समन्वयक बनाये गये थे। इस अभियान में आयुर्वेद के चिकित्साधिकारियों, शिक्षकों, निजी चिकित्सकों तथा छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। इस अभियान में उत्तराखण्ड राज्य में कुल 01 लाख 57 हजार नागरिकों का प्रकृति परीक्षण किया गया।
आयुष मंत्रालय द्वारा इस अभियान का समापन समारोह मुम्बई, महाराष्ट्र में दिनांक 20.02.2025 को आयोजित किया गया जिसमें महाराष्ट्र के मा० मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस जी तथा केन्द्र में आयुष राज्य मंत्री श्री प्रताप राव जाधव जी मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुये। इस कार्यक्रम में उत्तराखण्ड राज्य से राज्य समन्वयकों, सह-समन्वयकों व रजिस्ट्रार द्वारा प्रतिभाग किया गया। उत्तराखण्ड राज्य में इस अभियान के सफल संचालन हेतु सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति-पत्र व प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया।
इस कार्यक्रम में उत्तराखण्ड राज्य को एक और उपलब्धि प्राप्त हुई। उत्तराखण्ड राज्य के प्रसिद्ध आयुर्वेद चिकित्सक वैद्य मायाराम उनियाल जी को राष्ट्रीय धनवन्तरी आयुर्वेद अवार्ड से सम्मानित किया गया। वैद्य मायाराम उनियाल जी पूर्व में भारतीय चिकित्सा परिषद, उत्तराखण्ड के बोर्ड सदस्य भी रहे हैं। उनको यह सम्मान मिलना उत्तराखण्ड राज्य के लिए गौरव की बात है। भारतीय चिकित्सा परिषद, उत्तराखण्ड के अध्यक्ष डॉ० जे०एन० नौटियाल व रजिस्ट्रार श्रीमती नर्वदा गुसांई तथा समस्त बोर्ड सदस्यों ने वैद्य मायाराम उनियाल जी को राष्ट्रीय धनवन्तरी आयुर्वेद अवार्ड मिलने पर खुशी व्यक्त की है तथा शुभकामनायें दी हैं।