पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बढ़ रहे हैं हृदय रोग के मरीज 28 साल से 45 साल तक के लोग अधिकतर चपेट में डाक्टरों ने जताई चिंता, महिलाएं भी पीड़ित-Newsnetra
रिपोर्ट – दीपक नौटियाल
एंकर- पहाड़ी क्षेत्रों की जीवन शैली जिसमें हार्ड मेहनत से दिन की शुरूवात दिनभर कोई न कोई ऐसा काम जिसमें शरीर की कसरत जरूर होती है ओर साथ ही आर्गेनिक खान पान जिससे शरीर का विकास रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद मिलती रहती है इसी लिए कहा जाता है कि पहाड़ी क्षेत्रों के लोग मजबूत होते हैं पर जिला अस्पताल उत्तरकाशी के आंकड़ों पर नजर दोडाई जाए तो हृदय रोग एवं मधुमेह की चपेट में अब पहाडी क्षेत्रों के युवा एवं महिलाएं बड़ी मात्रा में आ रही है डाक्टरों की मानें तो प्रतिदिन अस्पताल में 5 से लेकर 10 लोग बीपी की शिकायत लेकर आ रहे हैं इसमें 28 साल से 45 साल के लोगों की संख्या बहुत अधिक है साथ ही महिलाएं भी इससे अछूती नहीं है डाक्टरों का कहना है कि मधूमेह एवं रक्तचाप के मरीजों की संख्या बढ़ना पहाड़ी क्षेत्रों के लिए चिन्ता का विषय है क्योंकि यहां की आवोहवा से गम्भीर से गम्भीर रोगी भी स्वस्थ हो जाता है पर अब यहां भी लोग बिमारियों से ग्रसित हो रहे हैं जिसके लिए यहां के लोगों के खान-पान एवं दिनचर्या में आया बदलाव जिम्मेदार है
डाक्टरों का कहना है कि जिस प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों मे विकास के नाम पर पारंपरिक भोजन को छोड़कर फास्ट फूड एवं बाजारों की चीजों पर निर्भरता बढ़ती है उससे आने वाले समय में यह आंकड़ा ओर बढ़ सकता है साथ ही पहाड़ी क्षेत्र के युवाओं में बढ़ती नशे की बढ़ती प्रवृत्ति भी इसका मुख्य कारण है इससे बचाव का एक ही मात्र साधन है बहार की चीजों को अपने भोजन से दूर करें साथ ही इसमें मोबाइल का बड़ा रोल भी सामने आ रहा है मोबाइल के कारण छोटे बच्चों का बचपन तो छिनता जा रहा है वहीं युवा भी प्रतिदिन 18 घंटे किसी न किसी रूप में फोन से जुड़े रहते हैं ऐसे में मानसिक तनाव बढ़ रहा है ओर इसका गम्भीर परिणाम हार्टअटैक के रूप में सामने आ रहा है
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