प्रदेश के पंचायतों के विकास और सशक्तिकरण को लेकर नई उम्मीदें जगाई गई हैं। 15वें वित्त आयोग से प्रदेश को अब तक टाइट फंड से 933 करोड़, अनटाइट फंड से 718 करोड़ सहित कुल 1651 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई है। इसके साथ ही, पंचायतीराज एवं ग्रामीण निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत कुमाऊं मंडल के निर्वाचित त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों एवं कार्मिकों के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।
इस अवसर पर, प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज ने पंचायतों के विकास के लिए महत्वपूर्ण योजनाओं को लेकर बातचीत की। उन्होंने कहा कि पंचायतीराज व्यवस्था आम ग्रामीण जनता की लोकतंत्र में प्रभावी भागीदारी का सशक्त माध्यम है।
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73वें संविधान संशोधन द्वारा पंचायतीराज व्यवस्था को मजबूती देने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इसके साथ ही, सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और कमजोर वर्ग के व्यक्तियों के उत्थान के लिए विभिन्न विकास योजनाओं को सफलतापूर्वक चलाने के लिए प्रयासरत है।
सरकार ने ग्राम पंचायतों की आय बढ़ाने के लिए भी पहल की है। इसके तहत, ग्राम पंचायतों को साफ-सुथरी, पर्यावरण संरक्षण, और अन्य ग्रामीण समस्याओं को सुलझाने के लिए शुल्क वसूल करने का प्रस्ताव भी किया गया है।
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पंचायतीराज मंत्री महाराज ने विकास के रोडमैप के तहत 2025 तक राज्य की सभी 7795 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों का निर्माण और कम्प्यूटरीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया है।
इसी दिशा में, प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और उन्हें बढ़ावा देने के लिए नई योजनाओं की शुरुआत की है। यह प्रयास ग्रामीण जनता को अधिक सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण चरण है।