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ज्योति एस, दयालबाग (आगरा)। रा धा स्व आ मी सतसंग दयालबाग़ में नववर्ष का बहुत ही महत्व है। जहां समूचा विश्व नववर्ष की मौजमस्ती में डूबा रहता है, वहीं रा धा स्व आ मी सतसंग दयालबाग़ नववर्ष बहुत ही शालीन, सौम्य एवं आध्यात्मिक वातावरण में शिक्षा, विज्ञान एवं चेतनता दिवस के रूप में मनाता है। इस वर्ष भी एक जनवरी को दयालबाग़ में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
हमेशा की तरह प्रातः तीन बजे से ही बहुत संख्या में भाई बहन व संतसू स्कीम के बच्चे गेहूँ की निराई के लिए कृपलानी फील्ड्स के सामने के खेतों में पहुँचने लगे। अमृतपेय एक कप मीठा गरम दूध तथा चाय व रस्क के साथ इलायचीदाने का परशाद ग्रहण कर खेतों में नराई का कार्य करने लगे। कोहरा व ठिठुरन भी उनके हाथ नहीं रोक पायी। परम पूज्य हुज़ूर प्रो॰ प्रेम सरन सतसंगी साहब एवं आदरणीय रानी साहिबा भी खेतों में पधारे तथा नराई के कार्य में भाग लिया।
लगभग चार घंटे खेतों का कार्य करने के उपरांत सभी उपस्थितजनों को अगले कार्यक्रमों के लिए डेरीबाग़ प्राइमरी स्कूल के पास वैकुण्ठधाम पहुँचने के निर्देश दिये गये। परम पूज्य हुज़ूर प्रो॰ प्रेम सरन सतसंगी साहब एवं आदरणीय रानी साहिबा के यमुना तीरे ;वैकुण्ठधामद्ध पहुँचते ही सामूहिक पी॰टी॰ का आदेश हुआ। सभी उपस्थित जनों नेए सन्तसू स्कीम के बच्चों के साथ सामूहिक पी॰टी॰ में भाग लिया। अनुपम उपवन (वैकुण्ठधाम) में बहुत ही आकर्षक नजारा था।
पी॰टी॰ के पश्चात् संतसू स्कीम के बच्चों ने शिक्षा दिवस पर दो नृत्य गान प्रस्तुत किये। बच्चों की प्रस्तुतियां बहुत ही मनमोहक व आकर्षक थींए जिनका समस्त उपस्थितजनों ने करतल ध्वनि से उत्साहवर्धन किया। बच्चों की प्रस्तुतियों के पश्चात शब्द पाठ सतगुरु हों महाराज, मोपे साईं संग डारा संस्कृत, अंग्रेजी व हिन्दी भाषा में पढ़ा। अन्त में सभी उपस्थितजनों को विशेष परशाद वितरण हुआ।
तत्पश्चात सभी उपस्थितजन रास्ते के एक ओर मार्च पास्ट के लिए पंक्तिबद्ध होकर खड़े हो गये। परम पूज्य हुज़ूर प्रो॰ प्रेम सरन सतसंगी साहब ई.रिक्शा में भ्रमण करते हुए अपनी रुहानी दृष्टि से सबको धन्य करते गए। मार्च पास्ट के बाद सभी अपने मालिक के चरणों में शुकराना अदा करते हुए अपने अपने घरों को प्रस्थान कर गए।