Big Breaking : उत्तराखंड विधानसभा में Unifrom Civil Code बिल हुआ पेश, जानिए क्या बदलेगा और क्या नहीं- Newsnetra
Uttarakhand Uniform Civil Code : उत्तराखंड विधानसभा सत्र का दूसरा दिन आज बेहद खास है। धामी सरकार जहां यूसीसी बिल को पास कराने के लिए पूरा जोर लगाए हुए है वहीं विपक्ष ने इस पर हंगामा खड़ा किया हुआ है। सुबह मुख्यमंत्री धामी संविधान की मूल कॉपी हाथ में लेकर सदन में पहुंचे। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने हंगामा किया।
यूसीसी बिल को लेकर उत्तराखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि हम लोग इसका विरोध नहीं कर रहे हैं। बल्कि हम तो चाहते हैं कि सदन संवैधानिक प्रक्रिया और नियमावली के अनुसार चले। जो उसके अनुसार चलता है। भाजपा इसकी लगातार उपेक्षा कर रही है।
करन माहरा ने यूसीसी ड्राफ्ट पर उठाए सवाल
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने प्रदेश सरकार की ओर से बनाए गए यूसीसी ड्राफ्ट पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे राजनीतिक एजेंडा बताया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को इस तरह का कानून बनाने का हक ही नहीं है। कहा कि 400 पेज के ड्राफ्ट पर बहस करना तो दूर पढ़ना भी मुश्किल है। प्रदेश सरकार इस सत्र को विशेष सत्र का नाम दे रही है। जबकि यह पूर्व में आयोजित विधानसभा सत्र का विस्तार है। कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी बूथ स्तर से जिला स्तर तक बैठक कर लोगों से संवाद कर रही है।
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता Uttarakhand UCC
• सभी धर्मों में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल होगी
• पुरुष-महिला को तलाक देने के समान अधिकार
• लिव इन रिलेशनशिप डिक्लेयर करना जरूरी
• लिव इन रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर 6 माह की सजा
• लिव-इन में पैदा बच्चों को संपत्ति में समान अधिकार
• महिला के दोबारा विवाह में कोई शर्त नहीं
• अनुसूचित जनजाति दायरे से बाहर
• बहु विवाह पर रोक, पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी नहीं
• शादी का रजिस्ट्रेशन जरूरी बिना रजिस्ट्रेशन सुविधा नहीं
• उत्तराधिकार में लड़कियों को बराबर का हक
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता Uttarakhand UCC लागू तो क्या होगा ?
• हर धर्म में शादी, तलाक के लिए एक ही कानून
• जो कानून एक के लिए, वही दूसरों के लिए भी
• बिना तलाक एक से ज्यादा शादी नहीं कर पाएंगे
• किसी को भी 4 शादी करने की छूट नहीं रहेगी
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता UCC से क्या नहीं बदलेगा ?
• धार्मिक मान्यताओं पर कोई फर्क नहीं
• धार्मिक रीति-रिवाज पर असर नहीं
• ऐसा नहीं है कि शादी पंडित या मौलवी
नहीं कराएंगे
खान-पान, पूजा-इबादत, वेश-भूषा पर प्रभाव नहीं नही पड़ेगा…