जंगल में मिली विशाखा की लाश, फरार भाई विशाल पर हत्या का शक—बेसहारा परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़-Newsnetra
मम्मी विशाखा चली गई है, किसी को बताना नहीं…। यह बात विशाखा के बड़े भाई विशाल ने अस्पताल में भर्ती मां को सुबह चार बजे फोन करके कही। उसके बाद फरार हो गया। विशाखा का परिवार बहुत बुरे हालात से गुजर रहा है। उसकी मां रसौली के ऑपरेशन के लिए अस्पताल में भर्ती हैं। पिता बुधराम लकवाग्रस्त होने से काफी समय से बिस्तर पर लाचार हैं।


सोमवार तड़के बड़े बेटे का फोन आने के बाद मां अनहोनी की आशंका से बेचैन हो गई थीं। करीब 10 बजे पुलिस से पता चला कि उनकी बेटी की लाश जंगल में मिली है तो एक बार को होश खो बैठीं। होश में आने पर पुलिस को बताया कि तड़के चार बजे विशाल का कॉल आया था। उनकी बात से पुलिस का संदेह विशाल पर गहरा गया। तब से उसकी तलाश में दबिश जारी है। पीड़ित परिवार के रिश्तेदारों ने बताया कि विशाखा की मां को बार-बार बेहोशी के दौरे पड़ रहे हैं। उनकी तबीयत पहले से खराब है। पिता भी बिस्तर पर बेबस पड़े हैं। ऐसे में घर की सबसे जिम्मेदार बिटिया की हत्या के बाद बिलकुल बेसहारा हो गए हैं।
विशाखा के ममेरे भाई रोहित ने बताया कि विशाखा पॉलिटेक्निक से पढ़ाई कर रही थी। वही घर की सबसे जिम्मेदार सदस्य थी। उसका बड़ा भाई नशे का आदी है। काम धंधा नियमित नहीं करता है। कभी कंडक्टर तो कभी ड्राइवर का काम करता है। उसके गैर जिम्मेदार होने के कारण विशाखा की उससे नहीं बनती थी। विशाखा पढ़ाई पूरी करके जल्द से जल्द नौकरी करके परिवार को सहारा देना चाहती थी लेकिन भाई की आदतों के कारण उसका अक्सर झगड़ा होता था।
भाई-बहन के बीच विवाद रहने की पुष्टि
पुलिस ने भी भाई-बहन के बीच विवाद रहने की पुष्टि की है। आशंका है कि रविवार रात भी भाई-बहन के बीच विवाद हुआ जिसके चलते विशाखा की हत्या हो गई। आशंका है कि विशाल ने अस्पताल में भर्ती मां को कॉल करने के बाद विशाखा के शव को जंगल में फेंका और फरार हो गया। मां ने सीधे तौर पर विशाल पर ही विशाखा की हत्या का शक जताया है। रोहित कुमार ने इस संबंध में बसंत विहार थाने में तहरीर दी है। पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। सीओ सिटी मिश्रा ने बताया कि आरोपी के संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। विशाखा का देर शाम पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया।
चाय बागान में पहले भी मिली लाशें, पुलिस पर सवाल
स्थानीय लोग चाय बागान में पहले भी लाशें मिलने और आसपास संदिग्ध गतिविधियां होने के कारण गुस्सा जता रहे हैं। एक स्थानीय संगठन ने कहा कि इलाके में एक पुलिस पिकेट बनाने की मांग लंबे समय से जारी है यदि रात में एक पिकेट भी लग जाए तो अपराधी इलाके के सुनसान होने का फायदा नहीं उठाएंगे। आसपास से गुजरने वाले भी सुरक्षित महसूस करेंगे। बागान में खाली जगहों पर नशा करने वाले बैठे रहते हैं जिसकी वजह से वहां से गुजरने वालों के साथ वारदात का डर रहता है।