देहरादून में वन आरक्षी के पद पर 996 युवाओं को नियुक्ति: सपना साकार हुआ
देहरादून, 19 फरवरी 2024: आज प्रदेश के सैकड़ों युवाओं का सपना साकार हो गया जब राजधानी देहरादून के हिमालय सांस्कृतिक केंद्र में वन आरक्षी के पद पर 996 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए। वन मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे।


उत्तराखंड में वन आरक्षी नियोजन: नए रोजगार का द्वार खुला
यह प्रदेश में अब तक का सबसे बड़ा कार्यक्रम है जिसमें इतने बड़े स्तर पर नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। इस अवसर पर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड 71% वन आच्छादित प्रदेश है, और वन आरक्षी फ्रंटलाइन वर्कर हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें जंगलों के साथ-साथ पर्यावरण को भी बचाना है। सरकार ने 22000 युवाओं को नौकरी देने का लक्ष्य रखा है, और फॉरेस्ट रेंजर्स का सिलेक्शन भी अंतिम चरण में है।

चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को रोजगार देने के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि चयन प्रक्रिया को पहले से बेहतर बनाते हुए पारदर्शी तरीके से युवाओं को रोजगार दिया जा रहा है। उन्होंने चयनित अभ्यर्थियों से कहा कि अब वह शासन प्रशासन का अंग बन गए हैं, और दुनिया तेजी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने उनसे कड़ी मेहनत करते हुए प्रदेश को आगे ले जाने का आग्रह किया।
यह कार्यक्रम प्रदेश के युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, और यह सरकार की रोजगार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
अतिरिक्त जानकारी:
– कार्यक्रम में वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
– चयनित अभ्यर्थियों को विभिन्न वन क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा।
– सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए कई योजनाएं चला रही है।
इस कार्यक्रम के द्वारा, प्रदेश ने वन संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में नौकरियों के अवसरों को बढ़ाया है। यह साथ में वन्यजीव संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के लिए भी एक प्रमुख कदम है।
उत्तराखंड में वन आरक्षी के पदों पर नियुक्ति का यह कदम, प्रदेश के युवाओं के लिए नए रोजगार के संभावनाओं को उजागर करता है। इससे न केवल रोजगार के संभावनाएं बढ़ेंगी, बल्कि प्रदेश के पर्यावरण के संरक्षण और वन्यजीव संरक्षण को भी मजबूती मिलेगी।
यह नियुक्ति कार्यक्रम प्रदेश सरकार के प्रति युवाओं की आशा और विश्वास को प्रकट करता है, और एक सकारात्मक संदेश भी भेजता है कि सरकार उनके भविष्य को समृद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
यह निर्णय उत्तराखंड की युवा शक्ति को सशक्त बनाने और प्रदेश के पर्यावरण के संरक्षण में मदद करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को स्थिरता मिलेगी, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी एक सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा।