News Netra.com सृष्टि को तेज व ओज देने वाले सूर्य नारायण भगवान स्थान परिवर्तन करने जा रहे हैं। जिस दिन सूर्य नारायण स्थान परिवर्तन करेंगे उसे मकर संक्रांति कहा जाता है और इसे पर्व के रूप में मनाने की परंपरा है। इस रिपोर्ट में यह स्पष्ट करने की कोशिश की जा रही है कि आखिर मकर संक्रांति 14 जनवरी को है यह 15 जनवरी को। पेश है यह खास रिपोर्ट
![News Netra...मकर संक्रांति 14 या 15 January को| Click कर जानिये क्यों हो रहा भ्रम| Click कर पढ़िये News Netra 4 kkk 12](https://citylivetoday.com/wp-content/uploads/2024/01/kkk-12-741x1024.jpg)
“ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान” डॉ रहमान चौक,सहरसा के संस्थापक ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा जी ने बतलाया है की हिंदू धर्म में संक्रांति का बहुत बड़ा महत्व है,हर वर्ष बारह संक्रांतियां होती हैं, और प्रत्येक संक्रांति का अपना महत्व होता है,किसी एक राशि से सूर्य के दूसरी राशि में गोचर करने को ही संक्रांति कहते हैं,जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो उसे मकर संक्रांति कहते हैं,हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का पर्व बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है, इस दिन सूर्यदेव की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है,ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा जी ने बतलाया है की मिथिला विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसार,14 जनवरी को सूर्यदेव मकर राशि मे देर रात 04.53 AM मे प्रवेश करेंगे,इस कारण मकर सक्रांति 15 जनवरी 2024, सोमवार को ही मनाई जाएगी, और पुण्यकाल 08.42 सुबह से दोपहर 03.06 मिनट तक़ है, वैसे पुरे दिन भी दान किया जा सकता है!
![News Netra...मकर संक्रांति 14 या 15 January को| Click कर जानिये क्यों हो रहा भ्रम| Click कर पढ़िये News Netra 5 news netra 3](https://citylivetoday.com/wp-content/uploads/2024/01/news-netra-3.jpg)
माघे मासे महादेवरू यो दास्यति घृतकम्बलम। स भुक्त्वा सकलान भोगान अन्ते मोक्षंप्राप्यतिष्॥
(इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक क्रियाकलापों का विशेष महत्व है,ऐसी धारणा है कि इस अवसर पर दिया गया दान सौ गुना बढ़कर पुनरू प्राप्त होता है। इस दिन शुद्ध घी एवं कम्बल का दान मोक्ष की प्राप्ति करवाता है।
’’’’’ मकर संक्रांति का महत्व ’’’’’’
मकर संक्रांति को लेकर ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि के दर्शन करने गए थे, इस मुलाकात में उन्होंने सारे मतभेदों को भुला दिया था, इसलिए कहा जाता है कि इस दिन सारे गिले-शिकवे भुला दिए जाते हैं,ज्योतिषीय रूप से संक्रांति के दौरान सूर्य ग्रह एक महीने के लिए शनि के घर (शनि द्वारा शासित मकर राशि) में प्रवेश करता है!
’’’’’’ पौराणिक कथा
कपिल मुनि के आश्रम पर जिस दिन मातु गंगे का पदार्पण हुआ था, वह मकर संक्रांति का दिन था,पावन गंगा जल के स्पर्श मात्र से राजा भगीरथ के पूर्वजों को स्वर्ग की प्राप्ति हुई थी, कपिल मुनि ने वरदान देते हुए कहा था, ‘मातु गंगे त्रिकाल तक जन-जन का पापहरण करेंगी और भक्तजनों की सात पीढ़ियों को मुक्ति एवं मोक्ष प्रदान करें!