Dehradun Car Accident: नई कार ने छीन ली 6 युवाओं की जान” देहरादून का दिल दहला देने वाला हादसा-Newsnetra
Dehradun Car Accident: दोस्तों की जिद पर नई कार की पार्टी देने के बाद देर रात घर से लॉन्ग ड्राइव पर निकले अतुल अग्रवाल को क्या पता था कि यह उसकी आखिरी रात होगी। वह अपने जिन छह दोस्तों के साथ लॉन्ग ड्राइव पर निकला था, उनमें से अब केवल एक ही दोस्त जीवित है और सिनर्जी अस्पताल में जिंदगी से जंग लड़ रहा है।
ओएनजीसी चौक पर कार दुर्घटना में हुई छह छात्र व छात्राओं की मौत के बाद परिवहन विभाग की तकनीकी टीम ने जब दुर्घटनास्थल का निरीक्षण किया तो मार्ग एकदम दुरुस्त मिला। जिस जगह दुर्घटना हुई वहां मार्ग 20 फीट से अधिक चौड़ा है। प्रारंभिक जांच में तकनीकी टीम को अनुमान है कि चौराहे पर गति नियंत्रित न कर पाने के कारण दुर्घटना हुई है।
अंदेशा यह भी है कि संभवत: ब्रेक के नीचे कोई बोतल फंस जाने कारण चालक ब्रेक नहीं लगा सका। टक्कर लगने के बाद कार के एयरबैग खुल गए थे, लेकिन गति बेलगाम होने के कारण एयरबैग भी छह युवाओं की जान नहीं बचा सके। इन कारणों की जांच के बाद टीम ने जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेज दी है।
दुर्घटनास्थल पर पहुंची जेपी इंस्टीट्यूट की टीम
कार दुर्घटना के बाद जिलाधिकारी/जिला सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष सविन बंसल के निर्देश पर संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) शैलेश तिवारी, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) राजेंद्र विराटिया, संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) हरीश बिष्ट, लीड एजेंसी के सदस्य नरेश संगल व दुर्घटनाओं की जांच करने वाली जेपी इंस्टीट्यूट की टीम ने ओएनजीसी चौक पहुंचकर दुर्घटनास्थल का तकनीकी निरीक्षण किया।
टीम के अनुसार दुर्घटना बल्लूपुर चौक-गढ़ीकैंट मुख्य मार्ग से एक किमी पहले ओएनजीसी चौक पर हुई।प्रारंभिक जांच के बाद संभागीय परिवहन अधिकारी तिवारी ने बताया कि जिस जगह दुर्घटना हुई, वहं मार्ग पर्याप्त चौड़ा व पक्का है। दुर्घटना के समय मौसम भी साफ था।
मार्ग पर डिवाइडर, रिफ्लेक्टर आदि लगे हुए हैं। कार का इंजन, छत, बाडी, रिम, चेसिस व अन्य पूरा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो चुका है। कार का बायां हिस्सा यानी चालक के बगल वाला हिस्सा कंटेनर में पीछे से टकराया। ब्रेक व एक्सीलेटर पैडल दुर्घटना के कारण दबे हुए पाए गए व एक बोतल भी मिली है, जिसकी विस्तृत जांच की जाएगी।
13 दिन पहले खरीदी थी कार
जिस कार से दुर्घटना हुई वह टोयोटा कंपनी की इनोवा जेड-एक्स हाइब्रिड मॉडल है और यह कार धनतेरस के दिन यानी 30 अक्टूबर को ही अतुल अग्रवाल ने खरीदी थी। कार देहरादून आरटीओ कार्यालय में पंजीकृत तो हो गई थी, लेकिन कार स्वामी ने अब तक इसकी नंबर प्लेट नहीं लगाई थी। परिवहन विभाग के नियमों के अनुसार बिना पंजीकरण कराए या बिना नंबर प्लेट कोई भी वाहन सड़क पर नहीं दौड़ सकता।
अतुल चला रहा था कार
दुर्घटना की भयावहता का इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस को 12 घंटे बाद मंगलवार दोपहर तक भी यह नहीं पता लग पाया था कि दुर्घटना के समय कार को कौन चला रहा था। चूंकि, कार अतुल की थी, तो पुलिस ने दुर्घटना से पहले सोमवार देर रात के राजपुर रोड से घंटाघर तक के सीसीटीवी कैमरे जांचे। जिसमें कार बेलगाम गति से दौड़ती हुई मिली। बाद में पुलिस को बल्लूपुर चौक के पास लगे एक सीसीटीवी कैमरे में कार अतुल ही चलाता हुआ नजर आया।