देहरादून: एक्शन मोड में चल रही उत्तराखंड की धामी सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य योजना आयोग को समाप्त कर दिया गया है। अब सशक्त उत्तराखंड 2025 के लक्ष्य को साधने के लिए सरकार को प्रदेश में नीति आयोग की तर्ज पर स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर इंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड SETU के गठन को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। जिसके चलते सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।
SETU का काम नागरिकों के विकास एवं कल्याण की सामाजिक एवं व्यक्तिगत आकांक्षाओं को पूरा करना तथा जन आवश्यकताओं के लिए सक्रिय रहेगा। SETUराज्य के विकास में उनकी भागीदारी भी सुनिश्चित करना।
राज्य के युवाओं के लिए अवसरों की समानता । पर्यावरण को बचाते हुए सतत विकास ।
सरकार के प्रत्यक्ष और उत्तदायी बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा। राज्य के संसाधनों के कुशल और प्रभावी उपयोग के लिए समन्वय, सामुदायिक भागीदारी व नेटवर्किंग पर जोर देगा। संगठनात्मक ढांचे के अनुसार मुख्यमंत्री SETU के अध्यक्ष होंगे। अगर वह नियोजन मंत्री हैं, तो वह उपाध्यक्ष पद पर किसी और मंत्री को नामित करेंगे। SETU का मुख्य कार्यकारी अधिकारी बाहर से लिया कोई नामी अर्थशास्त्री या सेवानिवृत्त नौकरशाह भी हो सकते हैं।
वहीं सभी मंत्रियों को इसका सदस्य बनाया जाएगा। SETU के तहत तीन केंद्र होंगे और प्रत्येक में दो- दो सलाहकार होंगे। जो कि आर्थिक एवं सामाजिक विकास केंद्र में आर्थिकी एवं रोजगार सलाहकार, लोक नीति एवं सुशासन केंद्र में लोक नीति एवं सुशासन सलाहकार व शहरी व अर्द्ध शहरी विकास सलाहकार व साक्ष्य आधारित योजना केंद्र में सांख्यिकी एवं डाटा व अनुश्रवण व मूल्यांकन सलाहकार होंगे।