अधिकारियों द्वारा उपनलकर्मियों के मामले में रिव्यू पिटिशन दायर करवाना आत्मघाती कदम- मोर्चा-Newsnetra
#रिव्यू पिटीशन में होता है बहुत लिमिटेड स्कोप |
#प्राइवेट वकीलों पर लुटा दिए जाएंगे लाखों रुपए |
#सरकार को निकालना चाहिए कोई बीच का रास्ता |
विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि उपनल कर्मियों के मामले में मा. उच्चतम न्यायालय में सरकार द्वारा योजित एसएलपी खारिज होने के उपरांत अधिकारियों द्वारा सरकार को रिव्यू पिटिशन दायर करने की सलाह दी गई है, जोकि सरकार के लिए आत्मघाती कदम सिद्ध होगा |सरकार को सोचना चाहिए कि रिव्यू पिटीशन में बहुत लिमिटेड स्कोप होता है, इसलिए सरकारी वकीलों पर पैसा लूटाने जैसा कदम नहीं उठाना चाहिए था |
नेगी ने कहा कि सरकार को तुरंत बगैर लाग-लपेट के उपनलकर्मियों को नियमितीकरण का लाभ व अन्य सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए अथवा कोई बीच का रास्ता निकालना चाहिए, जिससे इन कर्मियों को इनका हक मिल सके | पूर्व में भी सरकार वर्कचार्ज कर्मियों के पेंशन मामले को मा. सुप्रीम कोर्ट की लार्जर बेंच तक ले गई थी ,लेकिन सरकार को निराशा ही हाथ लगी |सरकार फिर वही गलती दोहराने जा रही है |
नेगी ने कहा कि उपनल कर्मियों के नियमितीकरण व अन्य सुविधाओं को लेकर मा.उच्च न्यायालय ने दिनांक 12/11/18 के द्वारा सरकार को इन कर्मियों के नियमितीकरण के निर्देश दिए थे, लेकिन सरकार ने उक्त फैसले /आदेश के खिलाफ मा. सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी योजित की थी, जिस पर मा. सुप्रीम कोर्ट ने दिनांक 1/2/19 को मा. उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी थी| अब एसएलपी खारिज होने के उपरांत सरकार को मा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में इनको हक देना चाहिए |
नेगी ने कहा कि 10- 15 वर्षों से लगातार अपनी सेवाएं दे रहे उपनलकर्मी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं, लेकिन सरकार इन पर रहम करने को तैयार नहीं |
मोर्चा सरकार से आग्रह करता है कि मा. उच्चतम न्यायालय के आदेश का सम्मान कर इनको न्याय देने का काम करें|। पत्रकार वार्ता में- मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व अमित जैन मौजूद थे |