झोपड़ियों से उड़ान, सीआईएमएस के लाल रच रहे सफलता की कहानी-Newsnetra
प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती, बस सही मार्गदर्शन और अवसर की जरूरत होती है। देहरादून का नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थान सीआईएमएस (CIMS) ऐसे ही होनहार, वंचित और जरूरतमंद छात्रों को नई उड़ान देने का मंच बन रहा है। इस संस्थान के चेयरमैन ललित जोशी का लक्ष्य है कि आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन प्रतिभाशाली छात्रों को बेहतरीन शिक्षा और रोजगार के अवसर दिए जाएं।

हर साल 300 छात्रों को मिलती है निशुल्क शिक्षा
सीआईएमएस में हर साल 300 छात्रों को निशुल्क नर्सिंग और पैरामेडिकल शिक्षा दी जाती है। इनमें से अधिकांश छात्र ऐसे परिवारों से आते हैं, जहां उच्च शिक्षा केवल एक सपना थी। मगर ललित जोशी के प्रयासों ने इन सपनों को हकीकत में बदल दिया है। आज यह संस्थान उन गुदड़ी के लालों का भविष्य संवार रहा है, जो अपनी मेहनत से समाज में नई पहचान बना रहे हैं।
राज्यभर में दिखा सीआईएमएस का जलवा
हाल ही में एचएनबी मेडिकल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में सीआईएमएस के छात्रों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। उत्तराखंड के गर्वनर गुरमीत सिंह ने जब टॉपर्स को सम्मानित किया, तो सीआईएमएस के विद्यार्थियों ने 7 स्वर्ण, 8 रजत और 9 कांस्य सहित कुल 24 पदक जीतकर संस्थान का नाम रोशन किया।
‘नशे को ना, जिंदगी को हां’ अभियान
शिक्षा के साथ-साथ ललित जोशी ‘नशे को ना, जिंदगी को हां’ अभियान भी चला रहे हैं। वे चाहते हैं कि युवा अपनी ऊर्जा गलत आदतों में न लगाकर एक उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ें। उनके इस प्रयास का असर संस्थान में साफ दिखता है, जहां हर छात्र अपने सपनों को साकार करने में जुटा है।
सीआईएमएस: सफलता की गारंटी
ललित जोशी का कहना है, “मेडिकल और पैरामेडिकल के क्षेत्र में करियर की असीम संभावनाएं हैं। जो भी छात्र मेहनत और लगन से पढ़ाई करना चाहते हैं, उनके लिए हमारे संस्थान के दरवाजे हमेशा खुले हैं। किसी भी प्रतिभावान छात्र की शिक्षा पैसों की वजह से न रुके, यही हमारा लक्ष्य है।”
सीआईएमएस केवल एक शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि एक आशा की किरण है, जो झोपड़ियों से निकले होनहार छात्रों को डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल प्रोफेशनल बनाकर उनके जीवन को नई दिशा दे रहा है।