Big Breaking : NDA सरकार बनते ही RJD के खिलाफ पहला एक्शन
बिहार में नई सरकार के गठन के साथ ही एनडीए एक्शन में है और आरजेडी के खिलाफ पहला एक्शन लिया है. विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ एनडीए ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस जारी किया है. विधानसभा अध्यक्ष को पद से हटाने के लिये बीजेपी के नन्दकिशोर यादव ने विधानसभा सचिव को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है।
नीतीश कुमार ने आज मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। नीतीश कुमार के साथ भाजपा के दो दिग्गज नेता सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने भी डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। इस दौरान जेपी नड्डा समेत भाजपा के और भी नेता मौजूद रहे। नीतीश कुमार ने इस दौरान कहा कि महागठबंधन के साथ रहना अब मुश्किल हो गया था। उन्होंने कहा कि आरजेडी हर काम का क्रेडिट ले रही थी। सरकारी नौकरी देने में सिर्फ अपना नाम ले रहे थे। ऐसे में अब सरकार बनते ही RJD के खिलाफ पहला एक्शन लिया गया है। अब स्पीकर को अविश्वास प्रस्ताव के जरिये हटाने की तैयारी हो गई है।
इस्तीफा नहीं देने पर बहुमत से हटाया जाएगा
विधानसभा अध्यक्ष को पद से हटाने के लिये बीजेपी के नन्दकिशोर यादव ने विधानसभा सचिव को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया हैं. आरजेडी नेता अवध बिहारी चौधरी अगर स्पीकर पद से इस्तीफा नहीं देते हैं तो उन्हें बहुमत से हटाया जाएगा. स्पीकर के खिलाफ नोटिस देने वाले प्रस्ताव में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, पूर्व डिप्टी सीएम बीजेपी के तारकिशोर प्रसाद, जेडीयू के विनय कुमार चौधरी, रत्नेश सदा समेत कई और विधायकों के भी हस्ताक्षर हैं।एनडीए गठबंधन के पास 128 विधायक हैं तो विपक्षी महागठबंधन के पास 114 विधायक हैं. स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ 128 विधायकों के होने से उनका हटना तय है।
जदयू ने क्या कहा ?
नीतीश के इस्तीफ़े के बाद जदयू नेता केसी त्यागी ने इंडिया गठबंधन के नेतृत्व को लेकर चल रहे विवाद और उससे नाराज़गी की तरफ इशारा किया। उन्होंने कहा, दरअसल कांग्रेस का एक भाग इंडिया गठबंधन के नेतृत्व को हड़पना चाहता है।
कौन हैं अवध बिहारी चौधरी?
अवध बिहारी चौधरी स्पीकर होने के साथ सिवान से विधायक हैं। उनके पास चार दशक की राजनीति का अनुभव है। अवध बिहारी आरजेडी संरक्षक लालू यादव के खास माने जाते हैं। वे लालू यादव से लेकर राबड़ी देवी की सरकार में मंत्री रहे हैं। उन्होंने कई विभागों को संभाला है। अवध बिहारी चौधरी ने 1085 में पहली बार जनता दल के टिकट पर सिवान से चुनाव जीता था। लालू यादव ने जब आरजेडी बनाई तो वे उनके साथ चले गए। 2005 तक लगातार वे सिवान से विधायक रहे। 2014 में अवध बिहारी आरजेडी छोड़कर नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में चले गए थे। लेकिन 2017 में वे फिर से आरजेडी में आ गए। 2020 में सिवान सीट से एक बार फिर विधायक बने थे।
2020 में नीतीश ने एनडीए का साथ छोड़ा था
नीतीश कुमार ने रविवार को महागठबंधन सरकार के घटक दलों राजद और कांग्रेस से नाता तोड़ लिया। इसके बाद रिकॉर्ड नौवीं बार एनडीए गठबंधन के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। जद (यू) सुप्रीमो अगस्त 2022 में महागठबंधन में शामिल हुए थे। इससे पहले वे भाजपा के साथ राज्य में सरकार चला रहे थे। लेकिन जदयू को तोड़ने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए एनडीए से गठबंधन तोड़ दिया था।
Report by – Sandhya kumari