देहरादून उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग !
उत्तराखंड में उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है। बजट सत्र के चौथे दिन निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने विधानसभा में “उत्तराखंड के 22000 उपनल परिवार के साथ न्याय करो” पोस्टर के साथ पहुंचकर सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि उपनल कर्मचारियों को ऐसा समझा जाता है जैसे वे किसी दूसरे राज्य या ग्रह से आए हों। वर्ष 2018 से ये कर्मचारी अपने नियमितीकरण के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाई है। उच्च न्यायालय ने उनके पक्ष में निर्णय दिया था, लेकिन सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार करते हुए कहा कि सरकार रिव्यू पिटीशन दायर कर सकती है। हालांकि, इसे दायर हुए भी लगभग एक वर्ष हो चुका है, लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं आया है।
विधायक उमेश कुमार ने सरकार से रिव्यू पिटीशन वापस लेने और उपनल कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार जल्द कोई समाधान नहीं निकालती है, तो धरना-प्रदर्शन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि उपनल कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है और जीएसटी का अतिरिक्त बोझ भी उठाना पड़ रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और खराब हो रही है। ऐसे में सरकार को जल्द से जल्द इस विषय पर फैसला लेना चाहिए, अन्यथा आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर बड़ा आंदोलन हो सकता है।

